जन्माष्टमी का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस के रूप मे मनाया जाता है
Janmashtami Ka Tyauhar Kyu Manate Hai Vishesh Jankari
भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए सबसे अच्छा दिन जन्माष्टमी का होता है। सावन माह के बाद भाद्रपद की अष्टमी को यह पर्व मनाया जाता है। मथुरा में यह त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। ये उत्सव राधारानी जी के लिए भी मनाया जाता है। इस दिन बड़ी धूमधाम से भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण जी की पूजा अर्चना की जाती है। अब जन्माष्टमी का पर्व आने वाला है। ये कब और क्यों मनाया जाता है ? हमें इसके बारे जानकारी होना जरुरी है। वैसे तो आपको मालूम होगा, अगर नहीं मालूम हैं तो आज आप पूरे विस्तार से जान लीजिये।
यह उत्सव पूरे भारतवर्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। आज के दिन कान्हा जी को प्रसन्न करके घर में सुख - शांति, खुशहाली, धन - वैभव व संतान प्राप्ति की कामना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन भगवान को प्रसन्न करके जो भी मनोकामना मांगी जाती है वो पूरी होती है।
जन्माष्टमी का त्यौहार श्रीकृष्ण के जन्म दिवस के रूप में बड़ी ही श्रृद्धा भाव से मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु नें कृष्ण के रूप में माता देवकी के गर्भ से आठवें पुत्र के रूप में जन्म लिया था। इनके पिता का नाम वासुदेव था, लेकिन इनका पालन - पोषण नंदबाबा और माता यशोदा मईया नें किया था। इनका जन्म मथुरा में होने के कारण पूरे मथुरा में यह पर्व कृष्ण जन्म दिवस के रूप में भक्ति - भाव के साथ हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
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जन्माष्टमी कब है
इस बार जन्माष्टमी 6 सितम्बर 2023 को हैं, जोकि बुधवार के दिन है।
जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती है
यह त्यौहार पूरे भारतवर्ष में बड़े जोर - शोर के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान के लिए पूरे दिन व्रत रखा जाता है। रात 12 बजे जब चन्द्रमा निकालता है, तब पूजा करते समय पकवान से भोग लगाया जाता है। इस दिन झूले पर बैठे हुए कान्हा जी मूर्ति लाते हैं। रात में पूजा के समय भगवान को झूला भी झूलाया जाता है।
इस दिन मंदिरो में झांकी सजाई जाती हैं। भारत के कुछ क्षेत्रों में तो दही - हांडी फोड़ने के नजारे भी देखने को मिलते है। इस दिन मंदिरो में भजन - कीर्तन किये जाते हैं तथा कहीं - कहीं पर कान्हा और गोपिकाओं की लीलाओं के नाटक भी किये जाते हैं। मथुरा, गोकुल, वृन्दावन, बरसाना में तो कृष्ण जन्म का उत्सव पूरे एक महीने तक मनाते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण के अन्य प्रचलित नाम
कान्हा
कृष्णा
श्रीकृष्ण
कन्हैया
गोपाल
किशन
केशव
देवकीनंदन
चतुर्भुज
देवेश
गोविंदा
द्वारिकाधीश
माधव
मुरलीधर
श्याम
वासुदेव
कमलनाथ
हरि
यादवेंद्र
मुरारी
नारायण
दयानिधि
मोहन
गोवर्धन
बिहारी
श्याम सुन्दर
लड्डू गोपाल
यशोदा वत्सल
मुरली मोहन
मुरली मनोहर
बांसुरी वाला
बाँके बिहारी
नन्द गोपाल
राधा प्रिय
वृन्दावन लाल
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मथुरा के प्रसिद्ध मंदिर
द्वारिकाधीश मंदिर
बाँके बिहारी मंदिर
श्रीकृष्ण जन्मभूमि
रंगनाथजी मंदिर
प्रेम मंदिर
रमणरेती मंदिर
निधिवन
नन्द महल
गोवर्धन मंदिर
गीता मंदिर
केशवदेव मंदिर
दाऊजी मंदिर
राधा वल्लभ मंदिर
राधा रमण मंदिर
इस्कॉन मंदिर
पागल बाबा मंदिर
जन्माष्टमी का यह पर्व साल में एक बार आता है और ये बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। मथुरा के जितने भी छोटे - बड़े मंदिर हैं, सबको भव्य रूप में सजाया जाता है। इस दिन इतनी भीड़ रहती है कि अपने आराध्य श्रीहरि के दर्शन को हर कोई आतुर रहता है। कहते हैं कि इस दिन पूरी श्रद्धा भाव के साथ मुरली मनोहर की पूजा अर्चना करने के बाद जो भी मनोकामना मांगी जाती है तो वह जरूर पूरी होती है। यदि आपकी कोई मनोकामना हो तो जन्माष्टमी के दिन व्रत रखकर भगवान की पूजा करें। वह जरूर प्रसन्न होंगे और आपकी मनोकामना पूरी करेंगे।
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